चांद सितारों से क्या पूंछूं, दिन कब मेरे फिरते हैं
वो तो बेचारे खुद हैं भिखारी, डेरे डेरे फिरते हैं
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एक नुज़ुमी दाग़ से कहता था आज
ज्योतिष
आपके दिन ए जनाब अच्छे नहीं
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कोई पास आया सवेरे सवेरे
मुझे आजमाया सवेरे सवेरे
मेरी दास्ताँ को जरा सा बदल कर
मुझे ही सुनाया सवेरे सवेरे
जो कहता था कल शब् संभालना संभालना
वही लड़खड़ाया सवेरे सवेरे
कटी रात सारी मेरे मयकदे में
खुदा याद आया सवेरे सवेरे
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फिकरे-मआश, इश्के-बुतां, यादे-राफ्तगां
रोजगार की फिकर/ बुत - god (also means lover)/ गुजरे दिनों की याद
एक जिंदगी में कोई क्या क्या किया करे
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